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डबल मीनिंग फिल्मे कर सुपरस्टार बन गया था ये एक्टर, फिल्मो के नाम से सेंसर बोर्ड भी शर्माता था

Aug 07 2020

Posted By:  Sunny

मुंबई में एक दौर ऐसा था, जब बाला साहब ठाकरे मराठी लोगो के लिए संघर्ष कर रहे थे | मराठी लोगो से उनका हक़ छीने जाने की बाते होती थी, विवाद होता था | उस दौर में एक ऐसा अभिनेता भी था, जो अपनी अलग पहचान बनाने में लगा हुआ था | इस अभिनेता की फिल्मो में डबल मीनिंग कॉमेडी होती थी | इसे पसंद भी खूब किया जाता था |


हम जिस कलाकार की बात कर रहे है, उनका नाम दादा कोंडके था | उस दौर में उनकी दीवानगी ऐसी थी कि वे मराठी सिनेमा के सुपरस्टार कहे जाते थे | उनके कुछ फिल्मे तो 25 हफ्तों तक सिनेमा घरो में लगी रही थी | उनका ये रिकॉर्ड गिनीज बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स में भी दर्ज है |



दादा कोंडके का असली नाम कृष्णा कोंडके था | उनका बचपन गरीबी में बीता | जब थोड़े बड़े हुए तो अक्सर गुंडा गर्दी करने लगे | राजनीती की ओर भी उनका रुझान काफी था | इसी के चलते और मराठियों के हक़ के लिए वे शिवसेना से जुड़ गए | यहाँ वे रैलियों के लिए भीड़ जुटाते थे |


इतना ही नहीं अपने प्रतिद्वंदियों पर जमकर हमला बोलते थे | उनका एक नाटक 'विच्छा माझी पूरा करा' काफी मशहूर रहा था | इस नाटक को कांग्रेस विरोधी बताया जाता है | क्योंकि इस नाटक में उन्होंने इंदिरा गाँधी का जमकर मजाक उड़ाया था |


इस नाटक के उन्होंने 1100 से भी ज्यादा स्टेज शो किये थे | इसके बाद साल 1975 में उनकी फिल्म 'पाण्डु हवलदार' आयी थी | ये फिल्म खूब हिट हुयी थी | इस फिल्म के बाद से ही मुंबई में हवलदारों को पाण्डु कहा जाने लगा | 


दादा कोंडके अपनी फिल्मो में डबल मीनिंग कॉमेडी करते थे | इसके चलते वे लोगो में फेमस होते चले गए | उन्हें आम आदमी का हीरो भी कहा जाता है | उनकी कई फिल्मो के नाम तो इतने अश्लील होते थे कि सेंसर बोर्ड को भी शर्म आ जाती थी | उन दिनों उनकी फिल्मों को पास करने सेंसर बोर्ड के लिए बड़ी चुनौती हुआ करती थी |

उनकी मराठी फिल्मों के नाम कुछ इस तरह के हुआ करते थे | जैसे बोट लाबिन तिथं गुदगुल्या यानी जहां छुओ वहीं गुदगुदी, आली अंगावर यानी शरीर से चिपकने वाली | उनकी फिल्मे तुमचं अमचं जमहं यानी तुम्हारी-हमारी जम गई, ह्रोच नवरा पाहयजे यानी मुझे यही पति चाहिए आज भी बेहद लोकप्रिय हैं | बता दे दादा कोंडके हिंदी फिल्म में भी नजर आए थे | उनकी पहली हिंदी फिल्म का नाम तेरे मेरे बीच में था, यह पहले मराठी में बनाई गई थी |
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