Category Archives:  Spiritual

जानिए क्यों...| दशहरे के दिन कई स्थानों पर की जाती है रावण की पूजा |

Oct 28 2018

Posted By:  Sandeep Verma

अभी - अभी हमने दशहरे को देश भर में काफी धूमधाम से मनाया है | वही कुछ स्थान पर दशहरे के अवसर पर कुछ दुर्घटनाये भी हुई है | अमृतसर पंजाब में होने वाली रेल दुर्घटना उनमे से एक है | हम सभी लोग जानते की दशहरे के अवसर पर रावण दहन होता है लेकिन क्या भारत में रावण की पूजा भी होती है ये शायद बहुत कम लोगो को ही पता है |


हम सभी लोग यह जानते है की भगवान राम का सम्बन्ध अयोध्या से है | और राक्षस राज रावण का सम्बन्ध लंका से है जो अभी वर्तमान में है लेकिन क्या आपको ये पता है की रावण का ससुराल राजस्थान ( भारत ) में था |

रावण के यु तो कई रानिया थी लेकिन उसकी सबसे बड़ी रानी मंदोदरी थी | वह राजस्थान में मंडोर नामक स्थान में रहती थी मंडोर वर्तमान में जोधपुर जिले के अंतर्गत आता है | यही वह स्थान है जहाँ दशहरे के दिन रावण की पूजा भी की जाती है साथ ही रावण दहन भी होता है |


रावण भी भगवान राम से किसी प्रकार कम नहीं था | रावण महर्षि विश्वा का पुत्र था और रावण की माता राक्षसी थी जिनका नाम कैकसी था | रावण के नाना माल्यवान जो ज्ञानियों में श्रेष्ठ थे | रावण के 10 सिर थे जो  6 शास्त्र पर 4 वेद के प्रतिक थे | इसलिए ही रावण का नाम दशानन/दशकंदर पड़ा था | रावण को ब्रह्मा जी ने परकाण्ड पंडित की उपाधि दी थी | रावण भगवान शंकर का परम भक्त था और इसलिए स्वयं भगवान शंकर ने प्रशन्न होकर स्वयं के आवास हेतु निर्मित लंका प्रदान की और उसे रावण नाम से सुशोभित भी किया |

रावण एक परम यौद्धा था उसने मृत्यु पर विजय पा ली थी इसलिए उसे कोई मार नहीं सकता था | उसके सामने नवग्रह हाथ बांधकर खड़े रहते थे और सूर्यपुत्र शनि उसके पैरो में पड़ा रहता था | शंकर भगवान ने उसे दिग्विजयी चन्द्रहास खड़क प्रदान करि थी उसी के बल पर वह इतना प्रतापी बना था | रावण को वरदान था की देवताओ से लेकर असुर तक उसे कोई मार नहीं सकता था | जिसमे यक्ष, गन्धर्व, किन्नर, नाग आदि थे |


रावण के दो माताएँ थी | और कुम्भकर्ण, विभीषण उसके भाई थे इसके अलावा पंचवटी का राजा खर और सेनापति दूषण भी उसके भाई थे | इसके अतिरिक्त पाताल निवासी अहिरावण और धन का स्वामी कुबेर भी उसका भाई था | कुबेर के पास से ही पुष्पक विमान रावण छीनकर लाया था जिसमे माँ सीता का हरण किया था | इसके एक बहन शूर्पनखा भी थी | रावण का सबसे बड़ा और पराकर्मी पुत्र मेघनाद था | ब्रह्मा जी ने देवराज इन्द्र को हराने पर मेघनाद को इंद्रजीत नाम से सुशोभित किया था रावण के अन्य पराकर्मी पुत्रो में प्रहस्थ, अक्षयकुमार, देवान्तक, नरान्तक आदि थे | 

  सरकारी/गैरसरकारी नौकरीयो की ताजा अपडेट पाए अब अपने मोबाइल पर साथ ही रोजाना करंट अफेयर