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भगवान विष्णु के पास कहाँ से आया सुदर्शन चक्र | जानिए इस रहस्य को...

Nov 22 2018

Posted By:  Sandeep

प्रकृति में ऐसे कई रहस्य होते है जिन्हे सुलझा पाना बहुत कठिन होता है | आज हम आपको ऐसा ही एक रहस्य के बारे में बताने जा रहे है | जिसको बहुत कम लोग जानते है | यह सभी लोग जानते है की भगवान विष्णु के पास एक सुदर्शन चक्र है | जो विजय का प्रतिक है | इसी सुदर्शन चक्र का उपयोग उन्होंने अपने आठवे अवतार कृष्ण के रूप में महाभारत के अंदर किया था | आज हम आपको यह बताएँगे की विष्णु जी के पास यह सुदर्शन चक्र कहाँ से आया | 


पौराणिक कथाओ के अनुसार इस ब्रह्माण्ड की रक्षा करना भगवान ब्रह्मदेव,विष्णु और भगवान शंकर का दायित्व है | यह देव अपने दायित्व का निर्वाहन पूर्ण रूप से करते है | लेकिन जब कोई प्रकृति के साथ खिलवाड़ करता है तो यह शक्तियां एकजुट होकर शत्रु का अंत करती है | इसी प्रकार बात उस समय की है जब देवलोक पर राक्षसों ने अधिकार कर लिया |

देवलोक की रक्षा करने के लिए देवराज इन्द्र भगवान विष्णु के पास सहायता लेने गए | विष्णु भगवान ने इंद्रदेव को उनकी सहायता करने का वचन दे दिया | इसके पश्चात् भगवान विष्णु राक्षसों का संहार करने के लिए अपने गरुड़ पर बैठकर देवलोक की ओर चले गए | लेकिन भगवान विष्णु को नारद जी ने बीच में ही रोक लिया | नारद जी के द्वारा पता चला की राक्षसों का संहार करने के लिए किसी विशेष अस्त्र की आवश्यकता है | 


इसके बाद विष्णु जी भगवान शंकर को प्रसन्न करने के लिए कैलाश पर्वत पर चले गए | वहां उन्होंने कैलाश पर्वत पर बैठकर भगवान शिव का एक सहस्त्र जाप किया | जितनी बार विष्णु जी भगवान शिव का जाप करे उतनी ही बार एक कमल का पुष्प शिव जी को समर्पित कर देते थे | उनकी भक्ति को देखकर शिव जी ने उनकी परीक्षा लेने का विचार किया और उन्होंने एक कमल का पुष्प चुरा लिया |

इसके बाद भगवान शिव स्वयं विष्णु जी के सामने प्रकट हुए | इसके पश्चात् उन्होंने विष्णु जी से पूछा की आपने कितने पुष्प अर्पित किये है | विष्णु जी ने जवाब दिया की एक सहस्त्र ( एक हजार ) | इसके बाद भगवान शिव ने उनको पुष्प गिनने के लिए कहा | पुष्प गिनने पर पता चला की एक पुष्प कम है | भगवान श्री हरि विष्णु समझ गए की शिव जी उनकी परीक्षा ले रहे है | इसके बाद उन्होंने अपना नेत्र निकलकर पुष्प के बदले शिव जी को भेंट किया |


उनकी इस भक्ति से प्रसन्न होकर भगवान शंकर ने उन्हें संसार की अंतिम शक्ति सुदर्शन चक्र दिया | इस चक्र के बारे में कहते है की यह ब्रह्मास्त्र के समान प्रलयंकारी ओर पाशुपतास्त्र के समान ऊर्जावान है | इसी सुदर्शन के जरिए भगवान विष्णु ने सभी राक्षसों का अंत किया | यही वह अस्त्र है जिसका प्रयोग भगवान कृष्ण ने महाभारत में किया था |
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