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यह है भगवान शिव का सबसे चमत्कारी ज्योतिर्लिंग, सिर्फ दर्शन मात्र से ही मनुष्य को प्राप्त होता है मोक्ष..

Dec 13 2018

Posted By:  Sandeep

भारत में भगवान शंकर के 12 ज्योतिर्लिंग है, जहाँ भगवान शिव शम्बू स्वयं विराजमान रहते है | यदि कोई भी व्यक्ति इनमे से एक भी ज्योतिर्लिंग का दर्शन करता है तो उसके सारे पाप उसी प्रकार धुल जाते है, जिस प्रकार किसी नदी में स्नान करने से शरीर का सारा मेल उतर जाता है | लेकिन आज हम आपको भगवान शिव के उस ज्योतिर्लिंग के बारे में बताने जा रहे है, जो सभी ज्योतिर्लिंगों में सबसे चमत्कारी है | ऐसा कहा जाता है की इसके दर्शन करने से व्यक्ति जन्म और मृत्यु चक्रव्यूह से मुक्त हो जाता है और उसके जीवन के सारे कष्ट दूर हो जाते है |  


यह ज्योतिर्लिंग भारत के दक्षिणी-पूर्वी राज्य महाराष्ट्र से लगभग 110 किलोमीटर दूर सहाद्रि नामक पर्वत पर स्थित है | इस ज्योतिर्लिंग को भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग के रूप में जाना जाता है | इसे मोटेश्वर महादेव के नाम से भी जाना जाता है | ऐसा कहा जाता है की भगवान शंकर के 12 ज्योतिर्लिंगों में यह छठे नम्बर का ज्योतिर्लिंग है |

भगवान शिव का यह ज्योतिर्लिंग महाराष्ट्र में भगवान शंकर के प्रति लोगो की आस्था और विश्वास का प्रतिक है | इस ज्योतिर्लिंग के पीछे एक छोटी सी कहानी है | ऐसा कहा जाता है की जब त्रेतायुग में भगवान राम ने अतिबली महाराज रावण के भाई कुम्भकर्ण का अंत किया था तो उसका बेटा भीम काफी छोटा था | जब उसे पता चला की किस तरह भगवान विष्णु के अवतार राम ने उसके परिवार का नाश किया था तो वह भगवान विष्णु को परास्त करने के लिए उद्दित हुआ |



उसने ब्रह्मा जी की घोर तपस्या कर अनेक वर प्राप्त कर लिये | इसके बाद उसने स्वर्ग पाताल को भी जीत लिया | इसके पश्चात् वह धरती पर विजय प्राप्त करने के लिए राजा सुदक्षिण के पास गया और उसे भी बंधी बनाकर कारागार में डाल दिया | उस समय कहते है की कारागार में ही राजा सुदक्षिण ने एक शिवलिंग की स्थापना करके भगवान शम्भू को सहायता के लिए पुकारा | जब राक्षस भीम को पता चला की राजा सुदक्षिण ऐसा कर रहा है तो वह सुदक्षिण को मारने के लिए कारागार में पहुँच गया | 


ऐसा कहा जाता है की जैसे ही भीम ने राजा सुदक्षिण को मारने के लिये तलवार से प्रहार किया, उसी समय भगवान शम्भू प्रकट हो गये और भीम का अंत किया | राक्षस भीम के वध करने से देव लोक, पाताल, पृथ्वी और भगवान विष्णु सुरक्षित हो गये | इसके पश्चात् संसार के सभी चराचर जीव और देवी-देवताओ ने भगवान शिव को वहां पर ज्योतिर्लिंग के रूप में विराजमान होने का आग्रह किया | मान्यता है की जिस स्थान पर राजा सुदक्षिण ने शिव लिंग बनाया था उसी जगह भगवान शिव विराजमान हो गये | इस स्थल को देखने के लिए दूर-दूर से लोग आते है |
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