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क्यों की थी ब्रह्मा जी ने अपनी ही बेटी के साथ शादी ? जानिए रहस्य...

Jan 12 2019

Posted By:  Sandeep

हिन्दू धर्म में ब्रह्मा-विष्णु-महेश ब्रह्माण्ड के सबसे शक्तिशाली देवता कहे जाते है | इन्हे धर्मग्रन्थो मे त्रिदेव भी कहा गया है | ब्रह्मा जी को सृष्टि का रचियता कहा जाता है | संसार यह जानता है की उनकी पत्नी विद्या की देवी सरस्वती है | जो रिश्ते में बेटी भी लगती है | लेकिन क्या आप जानते है की ब्रह्मा जी ने आखिर क्यों अपनी बेटी से विवाह किया था ? आज हम इस राज से पर्दा उठाने जा रहे है | 


मतस्य पुराण और सरस्वती पुराण के अनुसार ब्रह्मा जी की पत्नी विद्या की देवी सरस्वती हैं | जब ब्रह्मा जी सृष्टि की रचना कर रहे थे उस समय उन्होंने सरस्वती से शादी की थी | इसके बाद सरस्वती ने एक बेटे को जन्म दिया | जिसका नाम मनु रखा गया | मनु को हिंदू धर्म ग्रंथो में सभी भाषाओ का जनक और भारतीय संस्कृति का पिता कहा जाता है |

ऐसा कहा जाता है की ब्रह्मा ने अपने वी'र्य से सरस्वती माता को उत्पन्न किया था | इसलिए ब्रह्मा जी की प्रारम्भ में कोई भी पत्नी नहीं थी | लेकिन जब ब्रह्मा जो को पृथ्वी पर मनुष्य जाति उत्पन्न करने का विचार आया तो उनकी नजर सरस्वती पर पड़ी और उन्होंने सरस्वती से शादी कर ली | जिससे मनु का जन्म हुआ | यह सारा संसार मनु की ही देन है | इसलिए मनु को मनुष्य जाति का पिता और ब्रह्म देव को मनुष्य जाति का पितामह कहा जाता है |



जबकी कुछ पुराणों और दंतकथाओं में यह भी लिखा है की ब्रह्मा जी ने सरस्वती माता की उत्पति ही संसार की रचना करने के लिये की थी | चुकीं मनुष्य के शरीर से केवल संतान की ही उत्पति हो सकती है इसलिए कई पुराणों में ब्रह्मा जी और सरस्वती के सम्बन्धो को लेकर अलग अलग राय है | 

जबकि कुछ ऋषियों द्वारा रचित ग्रंथो से पता चलता है की सरस्वती जब लुप्त हुई थी | उस समय ब्रह्मा जी ने सरस्वती को ढूंढने के लिए काफी मेहनत की थी | लेकिन जब सरस्वती को ढूढने में सफल नहीं हुए तो उन्होंने संसार की उत्पति के लिये एक अन्य नारी से शादी कर ली लेकिन उसी समय सरस्वती माता का वहाँ आगमन हो गया | ये सब देखकर सरस्वती अत्यधिक क्रोधित हो गयी और उन्होंने ब्रह्मा जी को श्राप दे दिया |


उसने कहा की जिस मनुष्य जाति के लिए आप यह सब कर रहे है वही आपकी पूजा नहीं करेगी | सृष्टि के रचियता का गौरव तो आपको मिलेगा | लेकिन इसका वास्तविक श्रेय विष्णु और शिव को मिलेगा | कहा जाता है की ब्रह्मा की पूजा करना शुभ नहीं माना जाता है | इसलिए भारत में उनके मंदिर भी बहुत कम ही मिलते है | विश्व का एकमात्र प्राचीन मंदिर राजस्थान के अजमेर जिले में स्थित है | जो पूरे विश्व में ब्रह्मा जी का इकलौता मंदिर था | इसे वर्तमान में पुष्कर मंदिर के नाम से भी जाना जाता है |
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