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महाशिवरात्रि के दिन भूलकर भी ना करें ये 12 काम! नहीं तो झेलना पड़ सकता है शिव जी का प्रकोप..

Mar 02 2019

Posted By:  Anil

महाशिवरात्रि हिन्दुओं का एक प्रमुख त्योहार है, यह भगवान शिव के पूजन का सबसे बड़ा पर्व भी है | फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी को महाशिवरात्रि पर्व मनाया जाता है | माना जाता है कि सृष्टि के प्रारंभ में इसी दिन मध्यरात्रि को भगवान शंकर का ब्रह्मा से रुद्र के रूप में अवतरण हुआ था, भगवान शिव जितनी जल्दी प्रसन्न होते है | उतनी ही जल्दी नाराज भी जल्दी हो जाते है, इसलिए शिवरात्रि के दिन और पूजा में कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना जरूरी है..


सबसे जरूरी और ध्यान में रखने की बात है कि अगर शिवरात्रि का उपवास रख रहे है | तो आपको सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लेना चाहिए और गर्म पानी से शरीर की सारी अशुद्धि दूर करनी चाहिए | नए वस्त्र पहनना जरूरी नहीं है लेकिन साफ-सुथरे कपड़े ही पहनें |

शिवलिंग पर कभी भी तुलसी की पत्ती नहीं चढ़ाएं | शिवलिंग पर ठंडा दूध ही चढ़ाएं, अभिषेक हमेशा ऐसे पात्र से करना चाहिए जो सोना, चांदी या कांसे का बना हो | 



ऐसी मान्यता है कि भक्तजनों को शिवलिंग पर चढ़ाए जाने वाले प्रसाद को ग्रहण नहीं करना चाहिए क्योंकि इससे दुर्भाग्य आता है | ऐसा करने से धन हानि और बीमारियां भी हो सकती है |

भगवान शिव को भूलकर भी केतकी और चंपा फूल नहीं चढ़ाएं, ऐसा कहा जाता है कि इन फूलों को भगवान शिव ने शापित किया था | केतकी का फूल सफेद होने के बावजूद भोलेनाथ की पूजा में नहीं चढ़ाना चाहिए |


भगवान शिव की पूजा में भूलकर भी टूटे हुए चावल नहीं चढ़ाया जाना चाहिए | अक्षत का मतलब होता है अटूट चावल, यह पूर्णता का प्रतीक है | इसल‌िए श‌िव जी को अक्षत चढ़ाते समय यह देख लें क‌ि चावल टूटे हुए तो नहीं है |

शिवरात्रि पर तीन पत्रों वाला बेलपत्र शिव को अर्पित करें और डंठल चढ़ाते समय आपकी तरफ हो, टूटे हुए या कटे-फटे बेलपत्र नहीं चढ़ाना चाहिए |

भगवान शिव को दूध, गुलाब जल, चंदन, दही, शहद, घी, चीनी और जल का प्रयोग करते हुए तिलक लगाएं | भोलेनाथ को वैसे तो कई फल अर्पित किए जा सकते है, लेकिन शिवरात्रि पर बेर जरूर अर्पित करें क्योंकि बेर को चिरकाल का प्रतीक माना जाता है |


ऐसी मान्यता है कि शिवलिंग या भगवान शिव की मूर्ति पर केवल सफेद रंग के ही फूल ही चढ़ाने चाहिए क्योंकि भोलेनाथ को सफेद रंग के ही फूल प्रिय है | शिवरात्रि पर भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए चंदन का टीका लगा सकते है | शिवलिंग पर कभी भी कुमकुम का तिलक ना लगाएं, हालांकि भक्तजन मां पार्वती और भगवान गणेश की मूर्ति पर कुमकुम का टीका लगा सकते है |
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