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ये थी पूरी दुनिया के 760 करोड़ लोगों की मां, जिसके कारण आज हम मौजूद हैं..

May 02 2019

Posted By:  AMIT

इस समय पुरे विश्व की आबादी करीब 760 करोड़ है, 7 महाद्वीपों और 200 से अधिक देशों में बटें हम इंसान एक दूसरे से रंग रूप और सकल से ही अलग है लेकिन हम सब की मां एक ही हैं | लेकिन आप से ऐसा कहां जाए कि इस वक्त पृथ्वी पर मौजूद 760 करोड़ लोगों की मां एक ही थी शायद ही आप इस बात पर विश्वास करेंगे ? और हम सब की ये मां आज से 2 लाख साल पहले इस धरती पर मौजूद थी |


यह सच बात है कि 2 लाख साल पहले कोई छोटा समय नहीं होता है, हमारी हजारों पीढ़ियां पीछे जाने पर वैज्ञानिकों ने यह सिद्ध किया है कि आज पूरी दुनिया में जीवित मनुष्यों की प्रजाति एक महिला की ही वंशज हैं | इसके हिसाब से हमारे और आपके पूर्वज पूरी दुनिया में कहीं भी हो सकते है, वैज्ञानिकों ने ' वसुधैव कुटुम्बकम ' के द्वारा कहीं हुई बात को साबित कर दिया हैं |
 
कौन थी वो महिला, हम सब जिसकी पीढ़ी हैं ?
वैज्ञानिकों का मानना है कि अफ्रीका में करीब 2 लाख साल पहले एक ऐसी महिला मौजूद थी, जिसकी सभी संताने अपनी नस्ल-पीढ़ी को आगे बढ़ा पाई और इसी का नतीजा है कि आज पृथ्वी पर मानव जाती मौजूद हैं | इस महिला को अफ़्रीकी वैज्ञानिकों ने ' माइटोकांड्रियल ईव ' नाम दिया गया है, वैसे ये मानव इतिहास ही पहली महिला नहीं थी हा लेकिन यह वह महिला थी जिसने भविष्य का निर्माण किया |

वैज्ञानिकों ने बताया कि, इंसानी DNA से पता चला है कि वो गुफाओं में रहकर शिकार करने वाली महिला थी, हालांकि कुछ वैज्ञानिकों ने यह दावा खारिज करते हुए तर्क दिया कि जब मनुष्य करोड़ो साल पहले आया तो हम सब की कॉमन मां यानि ' माइटोकांड्रियल ईव ' इतने नए युग की कैसे हुई | इस बात का रिसर्च करने वाले वैज्ञानिकों ने जवाब दिया कि मानव का जन्म अफ्रीका में हुआ था, समय-समय पर मानवों ने झुंडों के माध्यम से अफ्रीका से पलायन करने लगे और उन्हें पलायन करने में ही लाखों साल लग गए थे और इसी वक्त नई प्रजातियों का जन्म होने लगा था |

लगभग 2 लाख साल पहले अफ्रीका में, जहां हमारी ' माइटोकांड्रियल ईव ' रहती थी, उसके आस-पास अन्य प्रजातियां भी पायी जाती थी | लेकिन किन्ही तत्कालीन कारणों की वजह से उसी प्रजाति की बाकी किसी औरत की नस्ल आगे बढ़ नहीं पाई, इसके पीछे का कारण ' नेचुरल सिलेक्शन ' बताया जा रहा हैं | 

मां ही क्यों, पिता क्यों नहीं ?
सोचने वाली बात है कि अगर पूरी मानव जाती की एक ही मां थी तो इस हिसाब से पिता भी एक ही होना चाहिए, इस सवाल के जवाब में वैज्ञानिकों ने बायलोजी के माध्यम से कहां कि, इंसान के शरीर में क्रोमोजोम होते है जो एक पीढ़ी की जानकारी अगली पीढ़ी तक ले जाते हैं | 


हर प्रजाति के जीवों में एक निश्चित संख्या में 'क्रोमोजोम ' पाए जाते है, ये क्रोमोजोम हमारी कोशिकाओं के न्यक्लियन्स में मौजूद होते हैं | मानव जाती की कोशिकाओं के न्यक्लियन्स में 46 क्रोमोजोम होते हैं | जब कोई बच्चा जन्म लेता है, तो उसके शरीर में अपने पिता से 23 और मां से 23 क्रोमोजोम आते है, बीते हजारों पीढ़ियों में माता-पिता के ये क्रोमोजोम इतनी बार मिक्स हो जाते है कि पिछली जनरेशन का पता लगाना असंभव हो जाता हैं | 

लेकिन हर कोशिका में एक क्रोमोजोम  होता है जो न्यक्लियन्स में ना होकर माइटोकोन्ड्रिया नाम के कोशिकांग में पाया जाता हैं | इस क्रोमोजोम में कोई मिक्सिंग नहीं पाई जाती है और इसी के आधार पर पिछली सभी पीढ़ियों का पता लगाया जा सकता हैं | क्योंकि रिप्रोडक्शन के दौरान पिता के स्पर्म में सिर्फ न्यक्लियन्स होता है और कुछ नहीं, मां के एग का माइटोकांड्रिया ही बच्चे के शरीर में आता हैं | 

इसी आधार पर आज इस दुनिया में मौजूद हर व्यक्ति के शरीर की कोशिकाओं में एक ही मां का मैट्रोकोन्ड्रिया उपस्थित है, इन माइटोकांड्रिया में समय-समय पर बदलाव आते रहते हैं | जिन्हें म्यूटेशन कहा जाता है इन म्यूटेशन के होने की गति को वैज्ञानिक नापकर बीते हुए समय का अनुमान लगा लेते हैं | इसी आधार पर कहा जा सकता है कि हम सबकी पर(अनंत) नानी आज से लगभग 2 लाख साल पहले पृथ्वी पर मौजूद थी |
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