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इस दिन है रवि प्रदोष व्रत, जानिए पूजा के नियम और शुभ मुहूर्त, इस तरह करें शिवजी को प्रसन्न..

Jun 28 2019

Posted By:  AMIT

हिंदू शास्त्रों के अनुसार प्रदोष व्रत भगवान शिव की महा कृपा पाने का दिन है | भगवान शिव के व्रत-उपवासों में सबसे प्रमुख है प्रदोष व्रत | प्रदोष व्रत जब रविवार के दिन आता है तो यह अत्यंत शुभ माना जाता है | इस बार रवि प्रदोष व्रत 30 जून 2019 को पड़ रहा है | इस व्रत को करके व्यक्ति लंबा और निरोगी जीवन प्राप्त कर सकता है | यह व्रत रोग और जीवन के सारे दुख, संकट दूर करके व्यक्ति को दीर्घायु प्रदान करता है | चूंकि प्रदोष काल सायं काल का समय होता है इसलिए इस दिन शिवजी का पूजन शाम के समय किया जाता है | 


हर महीने की दोनों पक्षों की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत किया जाता है | किसी भी प्रदोष व्रत में भगवान शिव की पूजा शाम के समय सूर्यास्त से 45 मिनट पूर्व और सूर्यास्त के 45 मिनट बाद तक की जाती है | रवि प्रदोष का व्रत करके सूर्य से संबंधित सभी रोग जैसे आंखों की और हड्डियों की समस्या आदि को बहुत आसानी से दूर किया जा सकता है | 



कैसे करें रवि प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव और सूर्य देव की पूजा ? 
1. सबसे पहले रवि प्रदोष के दिन सूर्य उदय होने से पहले उठकर स्नान करने के बाद साफ हल्के सफेद या गुलाबी कपड़े पहनें |

2. सूर्य नारायण जी को तांबे के लोटे से जल में शक्कर डालकर अर्घ्य दें | इसके बाद अर्घ्य दिए जल का छींटा अपनी दोनों आंखों पर दें | 
3. सारा दिन भगवान शिव के मन्त्र नमः शिवाय मन ही मन जाप करते रहे और निराहार रहें |

4. शाम के समय प्रदोष काल मे भगवान शिव को पंचामृत से स्नान करवाएं | 

5. साबुत चावल की खीर और फल भगवान शिव को अर्पण करें | 

6. वहीं आसन पर बैठकर ॐ नमः शिवाय के मन्त्र या पंचाक्षरी स्तोत्र का 5 बार पाठ करें | 


रवि प्रदोष व्रत कथा 
एक ग्राम में एक दीन-हीन ब्राह्मण रहता था | उसकी पत्नी धर्मनिष्ठ थी और प्रदोष व्रत किया करती थी | उनका एक पुत्र था, एक बार वह पुत्र गंगा स्नान करने गया | रास्ते में उसे लुटेरों ने घेर लिया और डराकर पूछने लगे कि उसके पिता का गुप्त धन कहां रखा हुआ है बता | बालक ने दीनतापूर्वक बताया कि हम अत्यंत निर्धन और दुखी है, हमारे पास गुप्त तो क्या प्रकट रूप से ही कोई धन नहीं है | लुटेरों ने उसकी यह बात सुनकर उस पर तरस खाकर छोड़ दिया | जब ब्राह्मणी का लड़का घर नहीं पहुंचा..
बालक अपने रास्ते चल दिया | रास्ते में जब वह थककर चूर हो गया तो एक बरगद के पेड़ के नीचे सो गया | तभी उस नगर के सिपाही लुटेरों को खोजते हुए उसी रास्ते आए | उन्होंने ब्राह्मण-बालक को चोर समझकर बंदी बना लिया और राजा के सामने पेश किया | राजा ने उसकी बात सुने बगैर उसे कारागार में डलवा दिया | जब ब्राह्मणी का लड़का घर नहीं पहुंचा तो उसे बड़ी चिंता हुई | अगले दिन प्रदोष व्रत था, ब्राह्मणी ने प्रदोष व्रत किया और भगवान शंकर से मन ही मन अपने पुत्र की कुशलता की प्रार्थना करने लगी |

उसी रात्रि में राजा को स्वप्न आया कि वह बालक निर्दोष है | यदि उसे नहीं छोड़ा गया तो तुम्हारा राज्य और वैभव नष्ट हो जाएगा | सुबह जागते ही राजा ने बालक को बुलाकर घर-परिवार के बारे में पूछताछ की और फिर उसके माता-पिता को दरबार में बुलवाया | उन्हें भयभीत देख राजा ने मुस्कुराते हुए कहा- ‘तुम्हारा बालक निर्दोष और निडर है | तुम्हारी दरिद्रता के कारण हम तुम्हें पांच गांव दान में देते हैं |' इस तरह ब्राह्मण आनंद से रहने लगा | शिव जी की दया से उसकी दरिद्रता भी दूर हो गई और उनके पुत्र का जीवन भी बच गया | 


रवि प्रदोष के व्रत में बरतें ये सावधानियां और नियम
1. घर में और घर के मंदिर में साफ सफाई का ध्यान रखें | 

2. साफ-सुथरे कपड़े पहनकर ही भगवान शिव और सूर्य की पूजा करें | 

3. सारे व्रत विधान में  मन में किसी तरीके का गलत विचार ना आने दें | 

4. काले नीले वस्त्र बिल्कुल न पहनें | 

5. सारे व्रत विधान में अपने आप को भगवान शिव को समर्पण कर दें | 

रवि प्रदोष पर भगवान शिव को इस तरह करें प्रसन्न
जिन लोगों के सरकारी नौकरी में दिक्कत आ रही हो वह रवि प्रदोष के दिन शाम के समय भगवान शिव को कच्चे दूध से स्नान कराएं और गुलाब का इत्र अर्पण करें | इससे सरकारी नौकरी की चिंता परेशानी बहुत जल्द खत्म होगी | 

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