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जानिए क्या है होलाष्टक और क्यों इसमें हर शुभ काम हो जाता है असफल...

Mar 02 2020

Posted By:  Sunny

होली के त्यौहार से पहले होलाष्टक होता है | शास्त्रों में होलाष्टक में किसी भी शुभ कार्य को करने को लेकर मनाही की गयी है | इस समय किसी शुभ काम को करना सही नहीं माना जाता है, इसे बेहद ही अशुभ माना जाता है | इस वर्ष होलाष्टक 2 मार्च से प्रारम्भ होकर 9 मार्च तक रहेगा | आज हम आपको होलाष्टक से जुडी कुछ महत्वपूर्ण जानकारी देने जा रहे है |


क्या है होलाष्टक
होली से पूर्व के 8 दिन होलाष्टक माने जाते है, होलाष्टक नाम भी 8 संख्या को दर्शाता है | ऐसा बताया जाता है की होलाष्टक के दौरान किया गया कोई भी शुभ कार्य सफल नहीं होता है | इसका प्रभाव ऐसा होता है कि यदि इस समय अगर किसी का विवाह भी हो जाये तो वह विवाह टूट जाता है | यदि घर की शांति के लिए हवन कराया जाये तो भी घर में अशांति फ़ैल जाती है |



क्यों है अशुभ
होलाष्टक को अशुभ माने जाने के पीछे होलिका, प्रह्लाद और हिरण्यकश्यप की कथा है | हिरण्यकश्यप को ब्रह्मा जी ने सर्वशक्तिशाली होने का वरदान दिया था | इस वरदान से हिरण्यकश्यप को अपनी शक्तिओं का बहुत घमंड हो गया था, वो अपने आप को भगवान मानने लगा था | वो अपनी प्रजा पर अत्याचार करने लगा और उन्हें उसकी पूजा करने के लिए बाध्य करने लगा |


हिरण्यकश्यप भले ही स्वयं को भगवान मानता था लेकिन उसका पुत्र प्रह्लाद भगवान विष्णु का परम भक्त था | इस बात से हिरण्यकश्यप  बहुत नाराज था, उसने इसी वजह से प्रह्लाद को मारने के लिए कई तरीके अपनाये, कई तरह से प्रह्लाद को प्रताड़ना दी | अंत में थककर हिरण्यकश्यप ने अपनी बहन होलिका से मदद मांगी | होलिका को आग में ना जलने का वरदान था, इसी के चलते वो प्रह्लाद को गोद में लेकर अग्नि में बैठ गयी लेकिन भगवान विष्णु ने प्रह्लाद को बचा लिया और होलिका स्वयं जलकर भस्म हो गयी |

ऐसा बताया जाता है कि होलिका के जलने से पहले 8 दिनों तक प्रह्लाद को कई यातनाये दी थी, जिस वजह से होलिका दहन से 8 दिन पहले तक किसी भी शुभ काम को करने की मनाही है | इस दौरान किये गए हर काम में असफलता ही मिलती है |
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