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कभी बासी नहीं होती ये 4 चीजे, पूजा पाठ में दोबारा की जा सकती है उपयोग

Apr 11 2020

Posted By:  Sunny

हम जीवन में सुख को बनाये रखने के लिए, मनोकामना की पूर्ति के लिए, समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए भगवान की पूजा अर्चना करते है, कई तरह के उपाय और व्रत करते है | पूजा पाठ में भगवान को अर्पित करने के लिए ताज़ी वस्तुए ही काम में ली जाती है | लेकिन क्या आप जानते है, कुछ ऐसी चीजे है जो कभी बासी नहीं होती है | इन्हे कभी भी पूजा पाठ में इस्तेमाल किया जा सकता है | धर्मशास्त्रों में भी इन चीजों के इस्तेमाल की अनुमति दी गयी है, तो आइये जानते है, वे कौनसी वस्तुए है |

गंगाजल


धर्मशास्त्रों में बताया गया है कि पूजा पाठ में बासी जल का प्रयोग कभी नहीं करना चाहिए | लेकिन बता दे ये बात गंगाजल पर लागू नहीं होती है | वायुपुराण और स्कंदपुराण में इस बात का जिक्र किया गया है कि गंगाजल कितना भी पुराना हो, उसे पूजा में इस्तेमाल किया जा सकता है, वह हमेशा शुद्ध रहता है |



बेलपत्र


बेलपत्र महादेव को बहुत प्रिय है | पुराणों में तो यहाँ तक लिखा गया है कि महादेव तो मात्र एक बेलपत्र से भी अपने भक्त की ओर खींचे चले आते है | शास्त्रों में बताया गया है की बेलपत्र कभी बासी नहीं होता है | धर्मशास्त्रों के अनुसार शिवलिंग पर बेलपत्र अर्पित करने के पश्चात् उस बेलपत्र को धोकर फिर से शिवजी को अर्पित किया जा सकता है |

कमल का फूल


पूजा पाठ में बासी फूल अर्पित नहीं किये जाते है | लेकिन कमल के फूल के मामले में ऐसा नहीं है | धर्मशास्त्रों में बताया गया है कि कमल के फूल को कभी भी भगवान को चढ़ाया जा सकता है, ये बासी नहीं होता | हालाँकि इस फूल की अवधि 5 दिन की बताई गयी है | एक देवता को अर्पित करने के पश्चात् इसे दोबारा चढ़ाया जा सकता है | लेकिन ऐसा सिर्फ 5 दिनों की अवधि में ही होता है |

तुलसी


तुलसी के पत्तो के बारे में बताया गया है कि तुलसी के बासी पत्ते भी चढ़ाये जा सकते है | यदि आपको तुलसी के ताजे पत्ते नहीं मिल रहे है, तो आप चढ़ाये हुए पत्ते पुनः चढ़ा सकते है | बता दे मंदिर से उतारने के बाद इन पत्तो को बहते जल या गमले में डाल देना चाहिए | 
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