Category Archives:  Spiritual

द्रौपदी ने पांच पतियों के साथ कैसे बनाए संबंध, और अर्जुन को क्यों मिली सजा..जानिए

Aug 19 2019

Posted By:  Anil

द्रौपदी भारत की वह प्रथम महिला है जिसके पांच पति थे? लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह कि क्या आज के लोग यह समझते हैं कि द्रौपदी ने विवाह तो सिर्फ अर्जुन से ही किया था, तो क्या उसका रिश्ता सभी के साथ था या नहीं?


पांचों पांडवों से द्रौपदी का विवाह कैसे हुआ या पांचों पांडवों की वह पत्नी कैसे बन गई यह बहुत लंबा किस्सा है | कहते हैं कि द्रौपदी अपने पिछले जन्म में बहुत सुन्दर युवती थी | सर्वगुण संपन्न होने के कारण उसे योग्य वर नहीं मिल रहा था इसलिए उसने भगवान शंकर की तपस्या की और तब शंकरजी प्रकट हुए | उस समय द्रौपदी ने हड़बड़ाहट में पांच वर मांगे इसलिए उसे शिवजी के वरदान के कारण इस जन्म में पांच पति प्राप्त हुए थे | 


जब भगवान शिव ने द्रौपदी को पांच पति प्राप्त होने का वरदान दिया था | तब वह भी ये जानते थे कि उसे अपने पांचों पतियों के साथ पत्नी धर्म निभाने में समस्या होगी, इसीलिए उन्होंने द्रोपदी को ये वरदान भी दिया कि वह प्रतिदिन कन्या भाव यानी कौमार्य को पुनः प्राप्त कर लेगी | इसलिए द्रौपदी अपने पांचों पतियों को कन्या भाव में ही प्राप्त हुई थी |


हालांकि कहा जाता है कि संतान को जन्म देने के लिए भगवान श्रीकृष्ण ने द्रौपदी और पांडवों को ये सुझाव दिया कि हर साल वह पांडवों में से किसी एक के साथ ही समय व्यतीत करे | साथ ही जिस समय वह अपने कक्ष में किसी एक पांडव के साथ हो तो उनके कक्ष में कोई और पांडव प्रवेश न करें | यदि कोई पांडव ऐसा गलती से भी कर लेता है तो उसे एक वर्ष का देश निकाला दिया जायेगा |

माना जाता है कि द्रौपदी, जो पांचों पांडवों की पत्नी थीं, 1-1 साल के समय-अंतराल के लिए हर पांडव के साथ रहती थी | उस समय किसी दूसरे पांडव को द्रौपदी के आवास में घुसने की अनुमति नहीं थी | इस नियम को तोड़ने वाले को 1 साल तक देश से बाहर रहने का दंड था | एक बार यह दंड अर्जुन को भगुतना भी पड़ा था |


अर्जुन और द्रौपदी की 1 वर्ष की अवधि जब समाप्त हुई थी और द्रौपदी-युधिष्ठिर के साथ का एक वर्ष का समय शुरू हुआ था | तब अर्जुन भूलवश द्रौपदी के आवास पर ही अपना तीर-धनुष भूल आए | पर किसी दुष्ट से ब्राह्मण के पशुओं की रक्षा के लिए लिए उन्हें उसी समय इसकी जरूरत पड़ी | अत: क्षत्रिय धर्म का पालन करने के लिए तीर-धनुष लेने के लिए नियम तोड़ते हुए वह द्रौपदी के निवास में घुस गए | उस दौरान द्रौपदी-युधिष्ठिर साथ में थे | बाद में इसके दंडस्वरूप अर्जुन 1 साल के लिए राज्य से बाहर चले गए थे |


इसी एक साल के वनवास के दौरान अर्जुन की मुलाकात उलूपी से हुई और वह अर्जुन पर मोहित हो गईं | ऐसे में वह उन्हें खींचकर अपने नागलोक में ले गई और उसके अनुरोध करने पर अर्जुन को उससे विवाह करना पड़ा | कहते हैं कि दोनों एक वर्ष तक साथ रहे | अर्जुन और नागकन्या उलूपी के मिलन से अर्जुन को एक वीर पुत्र मिला जिसका नाम इरावान था |

आपको बता दे कि द्रौपदी ने एक-एक वर्ष के अंतराल से पांचों पांडव के एक-एक पुत्र को जन्म दिया था | लेकिन दुर्भाग्य की इन पाचों पुत्रों को अश्‍वत्थामा ने मार दिया था |
  सरकारी/गैरसरकारी नौकरीयो की ताजा अपडेट पाए अब अपने मोबाइल पर साथ ही रोजाना करंट अफेयर