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गणेश चतुर्थी से पहले वास्तुशास्त्र के अनुसार इस तरह ठीक कर ले अपने घर का मंदिर...जानिए

Aug 30 2019

Posted By:  Sanjay

भगवान श्री गणेश जी का त्यौहार "गणेश चतुर्थी" आने वाला है ये त्यौहार हमारे भारत देश मैं बहुत ही धूम धाम से मनाया जाता है | पूरे देश  मैं गणेश जी के त्यौहार की धूम मची हुई है और ये त्यौहार 2 सितम्बर को मनाया जायेगा | गणेश चतुर्थी के दिन लोग अपने अपने घरो मैं श्री गणेश जी की मूर्ति की स्थापना करते है | जिन लोगो पर भगवान श्री गणेश की कृपा होती है उन लोगो का जीवन सफल हो जाता है उनके जीवन मैं कभी भी कोई संकट नहीं आता है | गणेश चतुर्थी आने से पहले आप अपने घर का वास्तुदोष ठीक कर ले और उसके बाद ही भगवान श्री गणेश की स्थापना करें | वास्तुशास्त्र के अनुसार घर का मंदिर किस तरह से होना चाहिए और किन किन बातो का विशेष ध्यान रखना चाहिए ये सब कुछ मैं इस लेख मैं बताऊंगा तो चलिए जानते है इन सब बातो के बारे मैं...

पूजाघर की दिशा 


वास्तुशास्त्र के अनुसार पूजाघर की दिशा हमेशा उत्तर -पूर्व दिशा होनी चाहिए | घर का पूजा घर हमेशा ईशानकोण पर होना चाहिए क्योंकि उत्तर पूर्व दिशा को देव दिशा कहा जाता है | माता लक्ष्मी भगवान विष्णु के साथ उत्तर पूर्व दिशा मैं ही निवास करती है इसी दिशा मैं ही गुरु बृहस्पति का भी निवास माना गया है | ऐसा कहा जाता है कि सुबह के समय ईशान कोण कि तरफ मुँह करके ध्यान करने से पूरा दिन अच्छा गुजरता है | 

पूजाघर और रसोईघर का होता है ख़ास सम्बन्ध 


कई लोग रसोई मैं ही पूजा घर बना लेते है मगर ऐसा बिलकुल भी नहीं करना चाहिए क्योंकि रसोईघर मैं मंगल का वास होता है | क्योंकि मंगल कि प्रतीक वस्तुए जैसे मिर्च मसाला, गैस, तेल आदि रसोई घर मैं मौजूद रहती है इसलिए रसोई घर मैं मंगल का वास माना जाता है लेकिन पूजा घर मैं गुरु का वास माना जाता है | मंगल ग्रह उग्र प्रवृति का होता है इसलिए रसोईघर मैं पूजा घर नहीं बनान चाहिए |



यहाँ पूजा घर होने से बढ़ते है रोग 
वास्तुशास्त्र के अनुसार पूजाघर के पास या सामने शौचालय नहीं होना चाहिए क्योंकि वास्तु मैं बताया गया है कि शौचालय राहु प्रभावित क्षेत्र होता है | पूजा घर हमेशा शौचालय से अलग और दूर होना चाहिए क्योंकि पास होने पर गुरु का प्रभाव कम हो जाता है जिसके कारण घर मैं कलह, लड़ाई, झगड़ा और बीमारियों का वास होता है |


इस दिशा मैं करें गणेश जी कि स्थापना 
अगर आप गणेश चतुर्थी के दिन श्री गणेश कि मूर्ति कि स्थापना करना चाहते है तो आप दक्षिण दिशा मैं गणेश जी कि मूर्ति कि स्थापना करें क्यूंकि इस दिशा मैं मूर्ति कि स्थापना करने से श्री गणेश जी का मुख उत्तर दिशा की तरफ होगा और उत्तर दिशा मैं भगवान शिव और माता पार्वती का वास है और हिमालय भी उत्तर दिशा मैं ही है जो की कुबेर का प्रतीक माना जाता है | इसलिए दक्षिण दिशा मैं मूर्ति की स्थापना करने से आपके घर मैं सुख शांति और धन की वृद्धि होगी |

पूजा घर मैं कभी भी न रखे ऐसी मूर्ति 
पूजा घर मैं कभी भी खंडित मूर्ति नहीं रखनी चाहिए | मूर्ति चाहे कितनी ही महंगी क्यों न हो अगर वो खंडित है तो बहुत ही अशुभ माना जाता है | इसलिए कभी भी खंडित मूर्ति पूजा घर मैं न रखे और उस मूर्ति को विधि विधान से नदी मैं प्रवाहित कर देना चाहिए |
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