Category Archives:  Spiritual

आखिर क्यों भगवान कृष्ण ने नहीं की अभिमन्यु की रक्षा, क्या है इसके पीछे का रहस्य, जानिए

Sep 04 2019

Posted By:  Sunny

शास्त्रों में लिखा गया है की जब भी धरती पर पाप बढ़ेगा तो इस पाप का अंत करने के लिए भगवान इस धरती पर जरूर अवतरित होंगे | अगर हम हमारे पुराने ग्रंथो को उठा कर देखे तो इस बात के प्रमाण भी मिलते है और यह बिलकुल सत्य भी है, भगवान कृष्ण का जन्म भी इस धरती से पाप का अंत करने के लिए ही हुआ था, और ये बात भी सभी जानते है की महाभारत में भगवान कृष्ण का बहुत बड़ा योगदान था | 




भगवान कृष्ण चाहते तो महाभारत के युद्ध को पल में समाप्त कर सकते थे, लेकिन जग को सीख देने के लिए उन्होंने इसे होने दिया, भगवान कृष्ण ने महाभारत के युद्ध में अपनी लीलाओ से कई लोगो की रक्षा की और उन्होंने अर्जुन का मार्गदर्शन किया था | यह भी सभी जानते है, उन्होंने इस युद्ध में ही अर्जुन को गीता ज्ञान दिया था, और अर्जुन की रक्षा की थी, लेकिन यह बात कम ही लोग जानते है की भगवान कृष्ण ने अभिमन्यु की रक्षा क्यों नहीं की, महाभारत में भगवान कृष्ण को धर्म की रक्षा करने वाला बताया है फिर भी भगवान कृष्ण ने अभिमन्यु की रक्षा नहीं की और अभिमन्यु को युद्ध में शहीद होने दिया, भगवान कृष्ण का ऐसा करने के पीछे बहुत बड़ा कारण था |

कृष्ण ने क्यों नहीं की अभिमन्यु की रक्षा
जब धरती पर पाप हद से ज्यादा बढ़ गया और चारो और हाहाकार होने लगा तब भगवान विष्णु ने द्वापर युग में इस पाप का अंत करने के लिए कृष्ण का अवतार लिया | तब ब्रह्मा जी सभी देवताओ को भगवान कृष्ण की मदद करने के लिए धरती पर जन्म लेने का आदेश दिया, ब्रह्मा जी का आदेश मानकर सभी देवताओ ने धरती पर जन्म ले लिया, लेकिन चंद्र देव ने अपने पुत्र वर्चा के पृथ्वी पर जन्म लेने से इंकार कर दिया, क्योंकि चंद्र देव को अपने पुत्र से बहुत प्रेम करते थे | लेकिन धर्म की रक्षा करने और सभी देवताओ के आगे विवश होने के कारण चंद्र देव अपने पुत्र के धरती पर जाने को लेकर राजी हो गए पर उन्होंने एक शर्त रखी |




चंद्र देव ने अपनी शर्त में कहा की उनका पुत्र ज्यादा दिनों तक धरती पर नहीं रहेगा, वह धरती पर अर्जुन के पुत्र के रूप में जन्म लेगा और अर्जुन की अनुपस्थिति में युद्ध में भाग लेकर वीरगति को प्राप्त करेगा, और साथ ही उसकी वीरता का गुणगान तीनो लोको में किया जायेगा | चन्द्रमा की शर्त को सभी देवताओ ने मान लिया और तब चंद्र देव के पुत्र वर्चा ने धरती पर अभिमन्यु के रूप में जन्म लिया |


इसके आगे की कहानी सभी जानते है कि किस प्रकार अभिमन्यु ने अपना पराक्रम दिखाते हुए कौरवो के चक्रव्यूह को ध्वस्त किया था, अभिमन्यु की गिनती महान धनुर्धरो और योद्धाओ में होती है, अभिमन्यु ने चक्रव्यूह को भेदने का राज अपनी माँ के गर्भ में ही सीख लिया था, अभिमन्यु ने अपनी वीरता का परिचय देते हुए युद्ध में वीरगति को प्राप्त किया था |
इसीलिए चंद्र देव की शर्त का मान रखते हुए भगवान कृष्ण ने अभिमन्यु की रक्षा नहीं की |
  सरकारी/गैरसरकारी नौकरीयो की ताजा अपडेट पाए अब अपने मोबाइल पर साथ ही रोजाना करंट अफेयर