Category Archives:  Spiritual

भगवान विष्णु ने क्यों किये थे 6 छल, क्या है इनके पीछे का रहस्य, जानिए

Sep 04 2019

Posted By:  Sunny

धरती पर पाप को नष्ट करने के लिए देवताओ ने कई कार्य किये, पृथ्वी लोक पर अवतार लिए, असुरो का संहार किया और मनुष्य जाति पर उपकार किया, यह बात सभी जानते है की भगवान विष्णु ने पृथ्वी लोक पर कई अवतार लिए और उन्होंने कई ऐसे काम भी किये जिन्हे छल कहा जाता है, हालाँकि भगवान विष्णु द्वारा ये छल जग के उद्धार के लिए किये गए थे,  भगवान विष्णु ने 24 अवतार लिए थे और उनके प्रत्येक अवतार का उद्देश्य मानव कल्याण ही था | अपने इन सभी कार्यो के अलावा भगवान विष्णु के कुछ कार्यो को आज भी छल माना जाता है, तो आइये जानते है वे कौनसे छल है और उनके पीछे की वजह क्या है | 

पहला छल




जलंधर भगवान शिव की ही रचना थी और वह असुरो का राजा था, जलंधर अपनी पत्नी के पतिव्रता होने के चलते अपार शक्तिशाली हो गया था, और अपनी शक्ति के नशे में वो देवी पार्वती और देवी लक्ष्मी के हरण की योजना बनाने लगा, तब भगवान विष्णु ने जालंधर के रूप धारण किया और उसकी पत्नी के साथ पति व्यवहार करने लगे, जलंधर की पत्नी भी भगवान विष्णु के इस छल को नहीं पहचान पायी और उनके साथ पत्नी के तरह व्यवहार करने लगी, इससे जलंधर की पत्नी का पतिव्रता धर्म टूट गया और जलंधर की शक्ति भी क्षीण हो गयी और तभी भगवान शिव ने जलंधर का वध कर दिया |

दूसरा छल


भस्मासुर ने भगवान शिव से वरदान ले लिया था की वह जिस किसी पर भी अपना हाथ रखेगा वह मनुष्य, देव या जो कोई भी हो भस्म हो जायेगा, शिव से वरदान लेकर भस्मासुर शिव जी को ही भस्म करना चाहता था ऐसे में भगवान शिव ने अपनी रक्षा के लिए एक गुफा में शरण ली और तभी भगवान विष्णु ने मोहिनी रूप धारण कर के भस्मासुर को अपने रूप से मोहित कर नृत्य करने के लिए प्रेरित किया, और नृत्य करते समय भस्मासुर ने अपने ही सिर पर हाथ रख लिया और स्वयं ही भस्म हो गया |

तीसरा छल


समुद्र मंथन से निकले अमृत को असुरो से बचाने के लिए भगवान विष्णु ने मोहिनी रूप धारण करके छल से सारा अमृत देवताओ को ही बांट दिया, पर उनके इस छल को राहु नाम के दैत्य ने पहचान लिया और देवताओ की पंक्ति में शामिल होकर अमृत पी लिया लेकिन इसका पता चलते ही देवताओ ने अमृत के उसके पेट में पहुंचने से पहले ही उसका सिर धड़ से अलग कर दिया |

चौथा छल


ऐसा माना जाता है की वर्तमान में भगवान विष्णु का स्थल बद्रीनाथ पहले भगवान शिव का स्थान हुआ करता था लेकिन विष्णु को भी यह बहुत प्रिय था, ऐसे में इस स्थान को हासिल करने के लिए उन्होंने एक बालक का रूप लिया और उस स्थान से कुछ दूरी पर बैठकर विलाप करने लगे, जब देवी पार्वती ने उनकी आवाज सुनी तो उन्हें उस बालक पर दया आ गयी और वे उस बालक को अपने घर ले आयी और बालक को चुप करा कर सुला दिया, और बाद में शिव जी और माता पार्वती भ्रमण के लिए निकल गए, भगवान विष्णु को भी इसी अवसर का इंतज़ार था और भगवान विष्णु उठे और घर का दरवाजा अंदर से बंद कर दिया |
जब देवी पार्वती और शिव जी लौटे तो देखा की द्वार अंदर से बंद है तो उन्होंने विष्णु जी से द्वार खोलने को कहा तो विष्णु जी ने कहा की अब आप इस स्थान को भूल जाइये भगवन ! यह स्थान मुझे बहुत प्रिय है, मुझे यहाँ विश्राम करने दीजिये, अब आप केदारनाथ जाइये | तभी से भगवान विष्णु बद्रीनाथ में और शिव जी केदारनाथ में विराजमान है |

पांचवा छल




मधु और कैटभ नाम के दो राक्षस थे उन्हें इच्छा मृत्यु का वरदान प्राप्त था और वे ब्रह्मा जी को मारना चाहते थे ऐसे में ब्रह्मा जी ने भगवान विष्णु से मदद की गुहार लगायी | तभी भगवान विष्णु ने ऐसा खेल रचा जिससे उन दोनों असुरो ने भगवान विष्णु को कोई भी वरदान मांगने को कहा और तभी भगवान विष्णु ने कहा की तुम दोनों मेरे हाथो से अपनी मृत्यु को स्वीकार करो, उन दोनों असुरो ने बिना कुछ सोचे समझे तथास्तु बोल दिया और तभी भगवान विष्णु ने उन दोनों का वध कर दिया |

छठा छल


जब देवी लक्ष्मी का स्वयंवर चल रहा था तो नारद मुनि ने भगवान विष्णु से कहा की मुझे भी आप अपनी तरह सूंदर बना दीजिये मै भी देवी लक्ष्मी के स्वयंवर ने हिस्सा लेना चाहता हु लेकिन भगवान विष्णु ने उन्हें वानर के जैसा रूप दे दिया और जब भगवान विष्णु और नारद मुनि वहां पहुंचे तो सभी उन्हें देखकर हसने लगे | तब वहां मौजूद शिवगणों ने उन्हें आइना दिखाया तब उन्हें सब कुछ समझ में आ गया और उन्होंने क्रोधित होकर भगवान विष्णु को श्राप दे दिया कि जिस प्रकार मुझे स्त्री वियोग सहना पड़ा है आपको भी अपने हर जन्म में स्त्री वियोग सहना पड़ेगा, तभी राम अवतार में सीता माता से और कृष्ण अवतार में राधा से उन्हें दूर रहना पड़ा था |
इनके अलावा भगवान शिव ने राम के रूप में बाली को छल से पीछे से मारा था और वामन रूप में भी राजा बलि से 3 पग जमीन मांगी थी और कृष्ण रूप में तो कई लीलाये रची थी | 
  सरकारी/गैरसरकारी नौकरीयो की ताजा अपडेट पाए अब अपने मोबाइल पर साथ ही रोजाना करंट अफेयर