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ये रेखाएं बचाती है शनि की साढ़ेसाती के प्रभाव से, स्वयं हनुमान जी करते है रक्षा, जानिए

Oct 09 2019

Posted By:  Sunny

हस्तरेखा शास्त्र में कई राज छिपे है | हस्तरेखा शास्त्र में हाथ की रेखाओ को देखकर व्यक्ति के बारे में जानकारी प्राप्त की जाती है | जब भी इन रेखाओ का अध्ययन किया जाता है तो शनि और मंगल ग्रह का जिक्र जरूर किया जाता है | शनि और मंगल दोनों ही हथेली की रेखाओ में बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान रखते है | आपकी जानकारी के लिए बता दे कि मंगल ग्रह का सीधा संबंध हनुमान जी से है | मंगल ग्रह को हनुमान जी का ही स्वरूप माना जाता है | ऐसे में हाथ में हनुमान जी का निशान होना अर्थात मंगल का निशान होना कई मुसीबतो से छुटकारा दिलाता है | जिसकी हथेली में ऐसा निशान होता है उस पर व्यक्ति कभी शनि देव का कोप नहीं पड़ता है | आज हम आपको ऐसे ही निशानों के बारे में बताने आये है जो व्यक्ति को शनिदेव की साढ़ेसाती से बचाते है |  


  • यदि किसी व्यक्ति के हाथ में जीवन रेखा के साथ मंगल रेखा एक से अधिक होती है और जिसमे पहली बड़ी और दूसरी छोटी होती है, ऐसी रेखा मंगल रेखा या हनुमान रेखा कहलाती है | ऐसे व्यक्ति पर हनुमान जी की विशेष कृपा रहती है |



  • यदि हथेली में मंगल पर्वत पर मस्तिष्क रेखा दो भागो में विभाजित हो और मंगल पर्वत ऊँचा हो और उस स्थान पर रेखाओ का जाल ना हो | इसके साथ ही हथेली भारी होने के साथ उँगलियाँ किसी भी तरफ मुड़ी या झुकी ना हो तो ऐसे व्यक्ति पर पवनपुत्र की विशेष कृपा रहती है, उस व्यक्ति पर कभी भी शनि की वक्र दृष्टि का प्रभाव नहीं पड़ता है |

  • यदि जीवनरेखा और मंगल रेखा साथ हो और साफ़ नजर आ रही हो, साथ ही उसे मंगल रेखा काटती हो और मंगल पर्वत पर शंख का निशान हो तो ऐसा व्यक्ति हनुमान जी के आशीर्वाद का भागी बनता है |

  • जिस व्यक्ति की हथेली में शनि पर्वत पर जीवन रेखा स्पष्ट नजर आ रही हो और उस पर कमल या त्रिभुज का निशान भी साफ़ नजर आ रहा हो तो ऐसा व्यक्ति हनुमान जी का भक्त होता है और शनि देव पर अपना कोप नहीं बरसा पाते है |

  • यदि किसी व्यक्ति की हृदय रेखा पर 3 सीधी रेखाएं और हो और शनि की ऊँगली सीधी हो, साथ ही दोनों हथेलियों में मंगल पर्वत उभरा हुआ हो तो ऐसा व्यक्ति हनुमान जी का बहुत बड़ा उपासक होता है |

  • यदि भाग्य रेखा शनि पर्वत से निकलकर मणिबंध तक जाती है और हथेली में शनि पर्वत के नीचे त्रिशूल जा निशान बनता है तो ये हनुमान जी का निशान माना जाता है | ऐसे लोगो पर हनुमान जी अपनी कृपा सदैव बनाये रखते है |
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