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विवश होकर द्रौपदी को खोलना पड़ा था अपना ये राज, इसे सुनकर हैरान रह गए थे पांडव...जानिए

Nov 05 2019

Posted By:  Sunny

भारत के सबसे बड़े ग्रन्थ महाभारत से जुड़े आज भी ऐसे कई सवाल है जो अनसुलझे है | आज भी कई अनसुलझी बाते है जिनके बारे में कोई नहीं जनता है | ऐसा माना जाता है कि महाभारत से ही कलयुग की शुरुआत हुयी थी, क्योंकि महाभारत में भाई ने भाई को मारा, ईर्ष्या, द्वेष, प्रतिशोध, लालच इन सभी चीजों का समावेश महाभारत में है | इन सब चीजों के बारे में महाभारत मे कोई ना कोई कथा जरूर है | ऐसी ही एक कथा है जो महाभारत के जाम्बुल अध्याय में मिलती है | इस अध्याय में द्रौपदी ने जो खुलासा किया था, उसे जानकर हर कोई हैरान रह गया था | आज हम आपको उसी रहस्य के बारे में बताने आये है |




महाभारत के अनुसार द्रौपदी भले ही पांच पांडवो की पत्नी थी लेकिन वह सबसे ज्यादा प्यार अर्जुन को करती थी, लेकिन अर्जुन ने कभी उतना प्यार द्रौपदी से नहीं किया, क्योंकि अर्जुन कृष्ण जी की बहन सुभद्रा से प्रेम करते थे | 


महाभारत में वर्णित कथानक के अनुसार निर्वासन के 12 वर्षो के बाद एक बार जंगल में द्रौपदी ने एक जामुन के वृक्ष पर जामुन का गुच्छा लटकते हुए देखा | द्रौपदी ने जैसे ही उस गुच्छे को तोडा श्री कृष्ण वहां पहुँच गए और तभी पांडव भी वहां आ गए | तब श्री कृष्ण ने कहा कि एक साधू इस फल से अपना 12 वर्षो का उपवास तोड़ने वाले थे, लेकिन अब तुमने इसे तोड़ लिया है | अब पांडवो को और द्रोपदी को उनके कोप का भागी बनना पड़ सकता है |


यह सुनकर पांडवो ने श्री कृष्ण से इस पाप के भागी बनने से बचने के लिए गुहार लगायी, तब श्री कृष्ण ने फल को पेड़ के नीचे जमीन पर रखते हुए कहा कि तुम सबको अपने अपने राज बताने होंगे और सत्य वचन ही कहने होंगे | ऐसा करने से ये फल पेड़ में लग जायेगा | 

इसके बाद सबसे पहले युधिष्ठिर आये और उन्होंने कहा कि दुनिया में सत्य, ईमानदारी, सहिष्णुता का प्रसार होना चाहिए, जबकि बेईमानी और दुष्टता का सर्वनाश होना चाहिए | इसके साथ उन्होंने पांडवो के साथ हुए बुरे बर्ताव और घटनाक्रम के लिए द्रौपदी को इसका जिम्मेदार बताया | युधिष्ठिर के इन सत्य वचनो से फल जमीन से 2 फ़ीट ऊपर उठ गया |


इसके बाद भीम को बुलाया गया और श्री कृष्ण ने कहा कि ध्यान रहे सिर्फ सत्य वचन ही कहने है अन्यथा फल जलकर राख हो जायेगा, इसके बाद भीम ने कहा कि भोजन, लड़ाई, नींद और सेक्स के प्रति उसकी आसक्ति कभी कम नहीं होती है. भीम ने कहा कि वह धृतराष्ट्र के सभी पुत्रों को मार देंगे. युधिष्ठिर के प्रति उसके मन में बहुत श्रद्धा है. लेकिन जो भी उनकी गदा का अपमान करेगा, वह उसे मृत्यु के घाट उतार देगा. इसके बाद फल दो फीट और ऊपर चला गया |



इसके बाद अर्जुन की बारी आयी तो अर्जुन ने कहा कि उन्हें जीवन में प्रसिद्धि और प्रतिष्ठा ही सबसे प्यारी है, कर्ण को मारना ही उनका उद्देश्य है और वे इसके लिए धर्मविरुद्ध तरीके भी अपना सकते है | इसके बाद नकुल और सहदेव ने भी अपने आप राज बताये |


इसके बाद जब द्रौपदी की बारी आयी तो द्रौपदी ने कहा कि उसके पांचो पति उसकी पांचो ज्ञानेन्द्रियों के समान है, लेकिन उनके दुर्भाग्य का कारण वह खुद है | मेरे कार्यो का मुझे पछतावा है | द्रौपदी के वचन सुनने के बाद भी फल जब ऊपर नहीं गया तो श्री कृष्ण ने कहा कि द्रौपदी ने पूरा सच नहीं बताया | वह कुछ छिपा रही है | इसके बाद द्रौपदी ने कहा कि वह अपने पांचो पतियों से प्रेम करती है लेकिन वह एक अन्य पुरुष को भी प्रेम करती है और वह कर्ण है | उसके इसका पछतावा है कि उसका विवाह कर्ण से नहीं हुआ | यदि उसका विवाह कर्ण से हुआ होता तो उसे यह सब नहीं झेलना पड़ता |

इसके बाद वह फल अपने आप अपने पूर्व के स्थान पर लग गया | द्रौपदी के इस राज एक बाद पांडवो को अहसास हुआ कि वह 5 होकर भी उसके सम्मान की रक्षा नहीं कर पाए |
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