कई बार जब हम बीमार पड़ते है तो डॉक्टर के पास जरूर जाते है | एक बार फिर से ठीक होने के लिए डॉक्टर की मदद लेनी ही पड़ती है | जब हम डॉक्टर के पास हमारी बीमारी लेकर जाते है तो वो अपनी अजीब सी हैंड राइटिंग में हमारे लिए दवाये लिख देता है |
जब भी आपने किसी मेडिकल स्टोर से या कहीं से दवाई खरीदते है, तो आपने देखा होगा | हर हर गोलियां अलग रंग और अलग अलग आकार की आती है | वैसे ये गोलियां खाना किसी को पसंद नहीं है, लेकिन खुद के भले के लिए खानी ही पड़ती है |
आपने कई गोलियों के पैकेजिंग पर ध्यान दिया होगा तो देखा होगा कि कुछ पैकेजिंग में सिर्फ एक या दो गोलियां होती है और दूसरी जगह खाली होती है, जबकि वहां गोलियों के लिए जगह बनी होती है | इसे देखकर आपने सोचा होगा कि ये शायद कोई मिस्टेक है, तो आपकी जानकारी के लिए बता दे ये कोई मिस्टेक नहीं होती है | इसके पीछे कुछ कारण होते है, जिनके बारे मे हम आपको बताने जा रहे है |
कई बार किसी पैकेजिंग में एक ही गोली होती है, ऐसे में उस दवाई से जुडी जानकारी को देना भी जरुरी होता है | इसीलिए पैकजिंग को थोड़ा बड़ा करना पड़ता है ताकि उस दवाई के बारे में जानकारी दी जा सके |
कई बार ऐसा कंपनी लागत कम कम करने के लिए भी करती है, क्योंकि जहाँ 10 गोलियों की पैकिंग एक साथ हो रही हो और फिर किसी एक गोली के लिए अलग से पैकिंग करनी पड़े तो इससे लागत पर असर पड़ता है |
वैसे इस तरह की पैकिंग का एक कारण यह भी होता है की इस तरह की पैकिंग ग्राहकों पर असर डालती है, इससे यह प्रतीत होता है कि दवाई महंगी है, लेकिन ऐसा असल में नहीं होता है |
आपको जानकर हैरानी होगी कि कई लोग ऐसा मानते है कि इन खाली जगहों में कुछ ऐसी गैस होती है, जो दवाई को खराब होने से बचाती है | जो की सही नहीं है |